रचनावली

समग्र रचनाशीलता का त्रैमासिक दस्तावेज

Labels

  • प्रसंगवश
  • आलोचना
  • कविताएँ
  • कोरोजीवी कविता
  • समीक्षा
  • नवगीत की आलोचना
  • सूचना
  • फिल्म-वेब सीरीज
  • वीडियो
  • कहानी
  • लघुकथाएँ
  • साक्षात्कार

Monday, 4 August 2025

कुछ अपनी कुछ जग की (डॉ. सुभदा पाण्डेय जी के साथ बातचीत)

at August 04, 2025 No comments:
Email ThisBlogThis!Share to XShare to FacebookShare to Pinterest
Newer Posts Older Posts Home
Subscribe to: Posts (Atom)

My Blog List

My Blog List

  • बिम्ब प्रतिबिम्ब
    कुछ अपनी कुछ जग की (डॉ. सुभदा पाण्डेय जी के साथ बातचीत)

कुछ अपनी कुछ जग की (डॉ. सुभदा पाण्डेय जी के साथ बातचीत)

Blog Archive

  • August 2025 (1)
  • May 2025 (2)
  • April 2025 (1)
  • August 2024 (6)
  • September 2023 (1)
  • July 2023 (3)
  • June 2023 (4)
  • April 2023 (1)
  • August 2022 (3)
  • June 2022 (1)
  • April 2022 (1)
  • February 2022 (1)
  • January 2022 (1)
  • December 2021 (1)
  • November 2021 (1)
  • October 2021 (2)
  • September 2021 (1)
  • June 2021 (2)
  • May 2021 (10)
  • April 2021 (6)
  • December 2020 (1)
  • November 2020 (5)
  • October 2020 (2)
  • September 2020 (4)
  • August 2020 (18)
  • July 2020 (1)
  • June 2020 (5)
  • May 2020 (6)
  • April 2020 (11)
  • March 2020 (3)
  • January 2020 (3)
  • December 2019 (5)
  • November 2019 (6)
  • October 2019 (2)
  • September 2019 (1)
  • August 2019 (7)
  • June 2019 (1)
  • May 2019 (12)
  • April 2019 (2)
  • March 2019 (4)
  • February 2019 (5)
  • January 2019 (5)
  • July 2018 (1)
  • December 2017 (2)
  • November 2017 (6)
  • October 2017 (1)
  • May 2017 (1)
  • April 2017 (7)
  • March 2017 (1)
  • February 2017 (4)
  • November 2016 (7)
  • October 2016 (2)
  • September 2016 (1)
  • August 2016 (1)
  • July 2016 (1)
  • May 2016 (9)
  • April 2016 (6)
  • December 2015 (1)
  • September 2015 (4)
  • March 2015 (1)
  • August 2014 (4)
  • July 2014 (7)
  • May 2014 (22)

Social Media Icons

  • twitter
  • facebook
  • gplus
  • instagram
  • email
  • youtube
  • pinterest

Follow Us

Social Media Icons

  • twitter
  • facebook
  • gplus
  • instagram
  • email
  • youtube
  • pinterest

AD

About Me

My photo
अनिल पाण्डेय (anilpandey650@gmail.com)
संपादक-बिम्ब-प्रतिबिम्ब, सहायक प्राध्यापक, हिन्दी-विभाग, समाज विज्ञान एवं भाषा संकाय, लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, 144411, पंजाब, भारत|
View my complete profile

Search This Blog

Followers

  • कोरोजीवी कविता : समझ और सार्थकता
     कोरोना समय में जितनी भी कविताएँ लिखी गयीं या लिखी जा रही हैं उन्हें ‘कोरोजीवी कविता’ के नाम से सम्बोधित किया जाना चाहिए| कवि की सम्पूर्ण सं...
  • हिंदी नवगीत : परंपरा एवं विकास
                                         गीत मानव जीवन की अभिव्यक्ति है| जीवन का इतिहास आज का नहीं श्रृष्टि के प्रारंभ का इतिहास है| गीत क...
  • समकालीन हिंदी कविता : सामाजिक सच की तलाश
                जीवन-प्रयासों का साहित्य के अन्य विधाओं की अपेक्षा कविता में घटित होने की संभावनाएं अधिक होती हैं | घटना कोई भी हो वह अपने...
  • महाकवि तुलसीदास : समझ और सार्थकता
                 साहित्य का मूल उद्देश्य ‘सबके हित’ को वरीयता देना है| नाम की सार्थकता भी इसी में है कि उसके माध्यम से वर्णित या विषय प्रतिप...
  • एक जरूरी और आवश्यक कथाकार : रूपसिंह चंदेल
      पिछले दो-तीन वर्षों से रूपसिंह चंदेल की कहानियों का पाठक रहा हूँ| अभी भी उनकी कहानियों पर अध्ययन चल रहा है| कथा-तन्त्र और मूल्यांकन-तन्त्र...
  • निरुपाय और वेबस जीवन
      जीवन में अपना लगने वाला कोई व्यक्तित्व एक ही पल में कैसे अनजाना लगने लगता है ? जिसके साथ आप रह रहे हों , जिसके बगैर आप रह नहीं सकते हैं इत...
  • मुख्यपृष्ठ

Report Abuse

Main Menu

  • Home
  • About
  • Contact
LightBlog

Menu

Offer Ending Soon

Translate

Recent

Comments

Total Pageviews

Offer Hurry Up

Offer

Contact Form

Name

Email *

Message *

Anil Pandey. Travel theme. Theme images by follow777. Powered by Blogger.

समय की बात

"हाय कैसे कहूँ कि हर क्षण एक बीतता हुआ क्षण है/ और जो बीत रहा है/ वह किसी अनबीते का महज़ इंतज़ार लगता है/ जिसमें सीझती हुई करुणा/ गुजरते समय की उदासी बन/ कंठ में अटक सी गई है!"

कवि एवं आचार्य श्रीप्रकाश शुक्ल

Wikipedia

Search results