रचनावली
समग्र रचनाशीलता का त्रैमासिक दस्तावेज
Labels
प्रसंगवश
आलोचना
कविताएँ
कोरोजीवी कविता
समीक्षा
नवगीत की आलोचना
सूचना
फिल्म-वेब सीरीज
वीडियो
कहानी
लघुकथाएँ
साक्षात्कार
Friday, 4 July 2014
जीवन
जीवन
जीवन नही
एक उलाहना है
सहते सहते जिसे लोग
जीने की चाह लिए
हैरान हो जाते है
और बाद में
धीरे धीरे
गुमनाम हो जाते है
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment