तन के रास्ते
मन का शहर देखना
मन के रास्ते
तन का ठूंठ बंजर महसूसना
जीना है
समय की संगति में
बिसूरना है
समाज की पंगति में
और फिर
बढ़ जाना है आगे
देखने समझने और
परखने के लिए
जीवन के उजास को
मन का शहर देखना
मन के रास्ते
तन का ठूंठ बंजर महसूसना
जीना है
समय की संगति में
बिसूरना है
समाज की पंगति में
और फिर
बढ़ जाना है आगे
देखने समझने और
परखने के लिए
जीवन के उजास को
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