अभी
अभी वे मिले थे चेहरा खुश था
हँस
रहे थे ठहाका मारकर
यह
पता चला कल चुप रहे थे सारा दिन
एकदम
मौन थे, बात भी नहीं कर रहे थे किसी से
उसके
एक दिन पहले ही मुस्कुरा रहे थे पता यह भी चला है किसी से
मुस्कुराने,
चुप होने और ठहाका मारकर हँसने के बीच
उनका
चेहरा लेता रहा है कई कई रूप
कई
कई आकर में परिवर्तित होता रहा है हृदय उनका
अब
सुन रहा हूँ वे रुआँसे हैं
बार
बार घुमा ले रहे हैं अपना चेहरा लोगों के सामने से
और
लोग हैं कि रोए जा रहे हैं
चेहरा
घुमाकर लोगों से ओझल होना
रोते
हुए के बीच हँसना भी है, और
लोगों
को अपने बस में करने का एक साधन भी
सुना
था अभी अभी कुछ लोग कह रहे थे
यह
भी सुनाई दे रहा है
नहीं
देखा जा रहा है लोगों से दुःख उनका
वे रो रहे हैं तो अपने लिए नहीं, सबके लिए
उनके
लिए भी जिन्हें न तो वे जानते हैं
और
न ही तो वह जिनके लिए वे रो रहे हैं
सबके
दुःख, सबके गम, वेदनाएँ सबकी उनकी अपनी हैं
वे
रो रहे हैं तो सब होंगे भय-मुक्त, शोषण मुक्त
यह
हथियार उनका अपना है और तरीका भी आतंक को ख़त्म करने का
यह
बात और है कि लोग और भी अधिक आतंकित हुए हैं
उनके
हंसते और रोते हुए के बीच स्वयं को घुटता हुआ महसूस किये हैं
कह
रहे थे कुछ लोग सुना मैनें अभी अभी
अब
लोग नहीं रोएँगे उनको रोना है तो रोएँ
भाउकता
में सिसकते सिसकते मर गया पूरा का पूरा अतीत
अब
भविष्य को भी रोता हुआ क्यों बनाएँ? उनको रोना है वो रोएँ
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