Thursday 27 August 2020

पांजाब में साहित्य की अलख जगा रहे हैं यू०पी०पूर्वांचल के होनहार युवा अनिल पांडेय


विगत दिनों बिम्ब-प्रतिबिम्ब सृजन संस्थान द्वारा आयोजित फगवाड़ा, पंजाब में एक बैठक सम्पन्न हुई। जिसमे साहित्य, संस्कृति, व अनेक सामाजिक मुद्दों पर व्यापक चर्चा की गयी।
सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि यह संस्था अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए निरंतर साहित्य, संस्कृति व अन्य सामाजिक सरोकारों पर निष्पक्ष व बेहतर ढंग से कार्य करेगा।
संस्था के प्रबंध निर्देशक अनिल पांडेय ने बताया कि पिछले वर्ष से ही मेरी यह हार्दिक इच्छा थी कि अपनी एक स्वतंत्र

संस्था हो, और उसका एक मजबूत व सांगठनिक ढांचा हो, जिसके अंतर्गत साहित्य व समाज के लिए कुछ बेहतर करने का मौका मिल सके, हालाँकि इस कार्य योजना पर तभी से कार्य आरंभ किया जा चुका था। किंतु अनेक आर्थिक व सामाजिक परिस्थितियों के कारण इसे मूर्त रूप दे पाने में कुछ अड़चनें आ रही थी, परंतु अब समय अपनी सही गति से आगे बढ़ रहा है, साथ ही अनेक साहित्यिक व सामाजिक संस्थाओं व समाज के प्रबुद्ध वर्ग खासकर मीडिया, व अनेक साहित्यकारों बुद्धिजीवियों एवं स्वयंसेवी संथाओं के सहमति से संस्था के सांगठनिक ढांचे को मूर्त रूप दिए जाने का कार्य आज सम्पन्न किया गया।
और सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि यह संस्था साहित्य, संस्कृति और समाज के क्षेत्र में निष्पक्ष व निर्भीकता पूर्वक कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध होगी|
इसके अंतर्गत साहित्यिक विशेषांक 'रचनावली' और 'बिम्ब-प्रतिबिम्ब' पत्रिका का प्रकाशन भी इस संस्था के द्वारा निरंतर किया जाएगा। जिसमें राष्ट्रीय स्तर के लेख कविता, कहानी, आलोचना, व अनेक राजनैतिक आर्थिक व साहित्यिक लेखों को भी शामिल करते हुए साहित्य-प्रकाशन का कार्य किया जाएगा। साथ ही संस्था हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार में निरंतर अपना अमूल्य योगदान निभाती रहेगी।

यह संस्था जरूरतमंद लोगों के लिए एक आश्रयदाता के रूप में समर्पित होकर अपना कर सके इसपर भी व्यापक चर्चा की गई, साथ ही पदाधिकारियों द्वारा तन, मन, धन से समर्पित होकर कार्य करने की सहमति भी बनी।
श्री पांडेय ने बताया कि फगवाड़ा में संस्था का अपना एक बिधिवत कायार्लय व सार्वजनिक पुस्तकालय भी होगा। जो कि फगवाड़ा का एकमात्र सार्वजनिक पुस्तकालय होगा इस पुस्तकालय में विशेष सदस्यता के तहत विभिन्न विषयों की गंभीर पुस्तकें भी साहित्य प्रेमियों व अध्येताओं को पढ़ने के लिए नियमानुसार दी जा सकेंगी| साथ संस्था के निर्देशक अनिल ने यह भी बताया कि “हम अपने कर्तव्यों के निर्वहन में कभी कोई कमी नहीं आनें देंगे" 'हमारा मकसद मनोरंजन करना नही, बल्कि विभिन्न साहित्यिक सांस्कृतिक व सामाजिक गतिविधियों के द्वारा साहित्य समाज को दिशा देना है।' अनेक

विपरीत परिस्थितियों में भी यह संस्था अपने कार्यों नियमो के अंतर्गत साहित्यिक और सामाजिक क्षेत्र में अपना विशेष योगदान देती रहेगी | संस्था के संस्थापक अध्यक्ष का कार्यभार श्री दिलीप कुमार पाण्डेय जी को सौंपते हुए उन्होंने यह विश्वास जताया कि इनके नेतृत्व में यह संस्था अपने मूल उद्देश्यों पर अडिग रहते हुए उत्तरोत्तर गतिशील बनी रहेगी।
अपने कार्यभार ग्रहण कर जिम्मेदारियों को समझते हुए श्री दिलीप कुमार पाण्डेय ने कहा कि “जो भी साहित्य प्रेमी और सामाजिक कार्यकर्ता हमारे संस्थान से जुड़कर कार्य करना चाहते हैं, मैं उनका हमेशा खुले दिल से स्वागत करता हूँ और सदैव करूँगा भी | बगैर किसी गुटबंदी और दलबंदी के यह संस्था सदैव अपने दायित्वों का निःस्वार्थ भाव से निर्वहन करती रहेगी, और हम सब संगठित रहते हुए कंधे से कंधा मिलाकर एक नए परिवेश के निर्माण में निरंतर अपना योगदान देते रहेंगे |
कोरोनाकाल में समय व परिस्थितियों को देखते हुए इस बैठक में कम ही लोगों को आमंत्रित किया गया था। कई महत्वपूर्ण पदाधिकारियों से फोन पर ही घंटों इस सन्दर्भों पर चर्चा की गई। जिसमे श्री दिलीप कुमार पाण्डेय को अध्यक्ष व परमजीत कुमार को वित्त सचिव का दायित्व दिया गया इस मौके पर शहर के ख्यातनाम ग़ज़लकार मनोज फगवाडी जी श्री अशोक खुराना जी प्रीतम पाण्डेय आदि उपस्थित रहे। मीटिंग के अंत में यह भी निर्णय लिया गया कि अभी कोरोनाकाल की परिस्थितियाँ सामान्य होने पर आगे बिधिवत एक बैठक बुलाई जाएगी। जिसमें कई खास मुद्दों पर व्यापक चर्चा भी की जाएगी। साथ ही अन्य वरिष्ठ बुद्धिजीवियों व युवाओं को इसमे नामित सदस्यों को कार्यभार दिया जाएगा | जिसकी सूचना जल्द ही दी जाएगी।

रिपोर्ट; मनकामना शुक्ल 'पथिक'

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