कह नहीं सकता
जो मुझे मिला है
सबको मिलेगा
जो फूल खिला है फुलवारी में
मेरे लिए ...
सबके लिए वैसा खिलेगा
कह नहीं सकता
कहूं भी यदि
हठ धर्मिता होगी मेरी यह
जिसके योग्य नहीं मैं
क्यों मिले मुझे वह
और यदि मिले भी
किस पुरुषार्थ पर ?
अकर्मण्यता पर
अयोग्यता पर
भाग्य पर या
दुर्भाग्य पर
कह नहीं सकता
जो मुझे मिला है
सबको मिलेगा
जो फूल खिला है फुलवारी में
मेरे लिए ...
सबके लिए वैसा खिलेगा
कह नहीं सकता
कहूं भी यदि
हठ धर्मिता होगी मेरी यह
जिसके योग्य नहीं मैं
क्यों मिले मुझे वह
और यदि मिले भी
किस पुरुषार्थ पर ?
अकर्मण्यता पर
अयोग्यता पर
भाग्य पर या
दुर्भाग्य पर
कह नहीं सकता