अब
तहकीकात करेगी दुनिया
या मुझसे बात करेगी
साक्षी होगी चांदनी रात
या फिर अँधेरी रात बनेगी
इतना तो पता है की
मेरी पहचान ये दुनिया
मेरे जाने के बाद करेगी
… … … … … …
दुःख
मुझमे नही की
तुममे नही की
उनमे नही है दुःख
सबमे है दुःख
जैसे
दुःख में है सब।
तहकीकात करेगी दुनिया
या मुझसे बात करेगी
साक्षी होगी चांदनी रात
या फिर अँधेरी रात बनेगी
इतना तो पता है की
मेरी पहचान ये दुनिया
मेरे जाने के बाद करेगी
… … … … … …
दुःख
मुझमे नही की
तुममे नही की
उनमे नही है दुःख
सबमे है दुःख
जैसे
दुःख में है सब।
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