Thursday 24 July 2014

मन के आह

अब 
तहकीकात करेगी दुनिया 
या मुझसे बात करेगी 
साक्षी होगी चांदनी रात 
या फिर अँधेरी रात बनेगी 
इतना तो पता है की 
मेरी पहचान ये दुनिया 
मेरे जाने के बाद करेगी 
… … … … … … 
दुःख 
मुझमे नही की 
तुममे नही की 
उनमे नही है दुःख 
सबमे है दुःख 
जैसे 
दुःख में है सब। 

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