Monday 26 April 2021

निर्जन-वन-सा

कुछ नहीं

बस चाहता हूँ 

कोई न बोले कुछ मुझसे 

मैं न बोलूँ

इधर किसी से 


शांति हो हर तरफ़

मौन हो 

निर्जन-वन सा 

सब कुछ इधर का 


जो बोलते रहे 

वे जा रहे हैं 

मौन थे जो 

वे लगातार दबे जा रहे हैं


क्या करूँगा मैं बोलकर

सुनेगा नहीं

इधर कोई जब

सुनूँगा किसे अब यहां

रहेगा नहीं जब 

बोलने वाला कोई भी

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