Tuesday 3 December 2019

बिम्ब-प्रतिबिम्ब सृजन संस्थान एवं भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ, प्रयागराज द्वारा आयोजित ‘लोकतंत्र में मीडिया का योगदान’ विषय पर संगोष्ठी सम्पन्न


जिस क्षेत्र में अराजकता का दौर शुरू होता है वहां कोई न कोई जिम्मेदार संस्थान या व्यक्तित्व निखर कर सामने आता है| यह दौर सही अर्थों में संकट का दौर है| सामाजिक संकट से लेकर मूल्यों के विघटन तक की जो यथास्थिति है वह भयानक है| पत्रकारों को अपनी भूमिका की पहचान करनी होगी| साहित्यकारों को अपनी भूमिका की पहचान करनी होगी| जो संस्थान हैं या संस्थाएं हैं उन्हें अपनी भूमिका को पहचानना होगा| सामान्य से लेकर खास तक को एक जिम्मेदार नागरिक की भूमिका का निर्वहन करना होगा” यह कहना था जालंधर के वरिष्ठ साहित्यकार और दैनिक सवेरा के एडिटोरियल पेज के सम्पादक श्री सुरेश सेठ जी का जो बतौर अध्यक्ष बिम्ब-प्रतिबिम्ब सृजन संस्थान, जालंधर एवं भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ, प्रयागराज के तत्वावधान में आयोजित "लोकतंत्र में मीडिया की भूमिका" विषयक संगोष्ठी को सम्बोधित कर रहे थे|
उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि “बिम्ब-प्रतिबिम्ब का एक संस्था के रूप में खड़ा होना और भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ का पंजाब प्रदेश में सक्रियता के साथ आना दोनों स्थितियां समय और समाज के लिए हितकर हैं| मुझे विश्वास है कि पंजाब की धरती से बदलाव की नई जमीन तैयार होगी|” उनका मानना था कि “आंचलिक पत्रिका और पत्रकारों की भूमिका समाज के निर्माण में अत्यंत महत्वपूर्ण है और सर्वाधिक जनउपयोगी  सार्थक दृष्टिकोण लघु पत्रिकाएं एवं आंचलिक पत्रकार ही प्रस्तुत करते हैंl”

बतौर मुख्य अतिथि पूर्व विधायक एवं मंत्री पंजाब सरकार एवं वर्तमान शहरी प्रधान (शिरोमणि अकाली दल) रंजीत सिंह ढिल्लों ने अपना अभिमत रखते हुए कहा कि “कवि लोग मनोरंजन नहीं करते अपितु गंभीर बातों की तरफ इशारा करते हैं| इनके इशारे को समझते हुए यदि समाज अपना कदम बढ़ाए तो सामंजस्य एवं समरसता के लक्ष्य से दूर कभी न जाए| हमें अन्य शौक से दूर रहते हुए साहित्य समृद्धि में अपना योगदान तो देना ही चाहिए ऐसे महान साहित्यकारों को सुनने और समझने की कोशिश भी करनी चाहिए”


डॉ. विनोद कुमार (डी.ए.वी. कॉलेज, जालंधर) का मानना था कि “पत्रकारिता एक जिम्मेदारी और ईमानदारी की जमीन है जहाँ सत्य कहने और प्रस्तुत करने का जोखिम उठाना होता है| इस स्थिति को हमें बराबर बनाकर रखना होगा|”

लुधियाना के प्रतिष्ठित अधिवक्ता ए. के. गिरि जी ने पत्रकारिता और कानून की जिम्मेदारियों को प्रस्तुत करते हुए इस बात पर बल दिया कि लोकतंत्र इन्हीं दोनों के आधार पर समृद्ध हो सकता है इसलिए जरूरी है कि ऐसे पेशे में वही सक्रिय हों जो जिम्मेदार और कर्तव्यों के प्रति सचेत हों|”

 लुधियाना के बड़े शायर सागर सियालकोटि जी का कहना था कि पत्रकार और साहित्यकार दोनों को बहुत कुछ त्याग करते हुए आगे बढ़ना होता है| समाज इन्हीं से प्रेरणा ग्रहण करता है| युवा यहीं से संस्कारित होता है|”

 पत्रकार महासंघ के राष्ट्रीय संयोजक डॉ भगवान प्रसाद उपाध्याय ने संगोष्ठी को मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित करते हुए कहा कि लोकतंत्र में मीडिया की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है आजादी की लड़ाई में भी मीडिया ने अपना सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाया आज मीडिया लोकतंत्र की संरक्षा और सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैl

 साहित्य प्रकोष्ठ के प्रभारी डॉक्टर रामलखन चौरसिया ने अपने उद्बोधन में कहा कि पत्रकारों की समस्याओं का निदान  सरकारी स्तर से भी सुनिश्चित किया जाना चाहिएl

पत्रकार महासंघ के पत्रकार उत्पीड़न निवारण प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय प्रभारी अरविंद कुमार पाण्डेय जी संगोष्ठी के व्यवस्था-प्रमुख रहें जिन्होंने अभ्यागत अतिथियों का स्वागत किया और उन्होंने यह आश्वस्त किया कि निकट भविष्य में शीघ्र ही एक स्तरीय आयोजन पूरे पंजाब की धरती पर किया जाएगाl

अरविन्द पाण्डेय के आयोजन में सम्पन्न हुआ यह महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम कुल तीन सत्रों में विभाजित था|  विचार गोष्ठी, लोकार्पण समारोह और सम्मान समारोह| इस अवसर पर साहित्यांजलि प्रभा के दिसंबर अंक का लोकार्पण भी किया गया| पहले सत्र की अध्यक्षता श्री सुरेश सेठ जी ने और मंच-सञ्चालन डॉ. सौरव कुमार ने किया|

युवा कवियों ने अपनी मजबूद उपस्थिति दिखाते हुए साहित्य प्रेमियों को सोचने के लिए विवश किया| लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के युवा कवि धीरेन्द्र सिंह, अंकित डोकानिया और साहिल कुमार ने अपनी कविताएँ सुनाकर लोगों का दिल जीता| इनकी कविताएँ अपने समय की विसंगतियों पर गंभीर विमर्श की मांग रखती हैं| वरिष्ठ कवि श्री सागर सियालकोटि जी ने तरन्नुम में ग़ज़ल प्रस्तुत कर सब को मंत्रमुग्ध कर दिया| इस सत्र का सञ्चालन लवली अनिल पाण्डेय ने किया|


कविता सत्र में विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री प्रवीण सूद जी उपस्थित रहे| उनके साथ मंच पर हरजिंदर सिंह मिंटा जी, रमेश शर्मा जी, बलबीर सिंह ढिल्लों जी, हरमन सिंह जी एवं गुरदीप सिंह जी, राजकुमार राजू जी उपस्थित रहे| इस अवसर पर अन्य साथियों में अमित कुमार गुप्ता, दिनेश कुमार, माहिद अली, के साथ-साथ अन्य साहित्य प्रेमी भी उपस्थित रहे। 


इस कार्यक्रम में जालंधर के वरिष्ठ साहित्यकार श्री सुरेश सेठ को पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रियता और विशेष योगदान के लिए और लुधियाना के प्रतिष्ठित कवि श्री सागर सियालकोटि को साहित्य के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए पत्रकार महासंघ द्वारा सम्मान-पत्र देकर सम्मानित किया| एस.सी.डी. राजकीय महाविद्यालय, लुधियाना के सहायक प्राध्यापक डॉ. सौरव कुमार को और डी.ए.वी. कॉलेज के सहायक प्राध्यापक डॉ. विनोद कुमार को शिक्षा एवं साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्यों के लिए सम्मानित किया गया|

जे.के. चैनल के जुझारू पत्रकार श्री राजेश कुमार को और बिम्ब-प्रतिबिम्ब सृजन संस्थान, जालन्धर के संस्थापक एवं लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के सहायक प्राध्यापक अनिल पाण्डेय को पत्रकारिता एवं साहित्य के क्षेत्र में विशेष योगदान देने के लिए सम्मानित किया गया| उपस्थित युवा कवियों को और अतिथिगण को बिम्ब-प्रतिबिम्ब सृजन संस्थान, जालंधर द्वारा विशेष सम्मान से सम्मानित किया गया|


 यह सम्पूर्ण कार्यक्रम जिसके निर्देशन में चला वह श्री राजेश सूद जी थे| उन्होंने उपस्थित सभी अतिथियों का अपनी तरफ से स्वागत ही नहीं किया अपितु हर वर्ष इस तरह के साहित्यिक कार्यक्रम करवाने का संकल्प भी रखा, जिसका स्वागत सभी ने किया| कार्यक्रम के अंत में उपस्थित सभी अतिथियों को सम्बोधित करते हुए नगर काउंसलर श्री कुलवंत सिंह जी ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया|

विदित हो कि बिम्ब-प्रतिबिम्ब सृजन संस्थान, जालंधर एवं भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ, प्रयागराज  के तत्वावधान में वी 2 वी होटल के सेमिनार हाल, समराला चौक, लुधियाना में 1 दिसंबर 2019, रविवार की शाम को यह कार्यक्रम आयोजित हुआ जो देर रात तक चलता रहा|

No comments: